नॉटिंग्घम। स्मार्टफोन चलाने वाले लोग अकसर मोबाइल जल्द डिस्चार्ज होने की समस्या से परेशान रहते हैं। उनके लिए खुशखबर यह है कि अब कपड़ों से मोबाइल फोन और टेबलेट चार्ज किए जा सकेंगे।नॉटिंग्घम ट्रसेंट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसा सोलर पैनर बनाया है जिसे कपड़े की जेब में लगाया जाएगा। मोबाइल की बैट्री खत्म होने पर डिवाइस को जेब में रखने पर वह चार्ज हो जाएगा। इसे नाम दिया गया है चार्जिंग डॉक।
रिसर्चर्स की टीम के मुताबिक, एक फोन को चार्ज करने में 2000 पैनल की जरूरत होगी। पूरे पैनल का आकार 3 मिमी लंबा और 1.5 मिमी चौड़ा है।एक फोन को चार्ज करने में 2000 पैनल की जरूरत होगी। पूरे पैनल का आकार 3 मिमी लंबा और 1.5 मिमी चौड़ा है। इसे आसानी से कपड़े में सिला जा सकेगा इस पॉकेट की मदद से लोग रास्ते में कहीं भी मोबाइल और टैबलेट आदि चार्ज कर पायेंगे।
प्रोफेसर तिलक डायस ने कहा कि इससे कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कटौती होगी। इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला फाइबर छोटी सेल्स के नेटवर्क से बना होगा और यह इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करेगा। इस एनर्जी से डिवाइसेज चार्ज कर सकेंगे। ये सेल्स दिखाई नहीं देंगी ना ही कपड़े पहनने पर महसूस होंगे।
वायरलेस चार्जिंग का आइडिया क्रोएशिया के वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने 19वीं शताब्दी में पेश किया था। उनके कॉन्सेप्ट मुताबिक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड की उपस्थिति में दो चीजों के बीच पावर ट्रांसफर की जा सकती है।