लंदन। कैंसर रिसर्च यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में 25 से कम उम्र की ब्रिटिश महिलाओं में प्रिवेंटबल कैंसर का सबसे बड़ा कारण मोटापा होगा। रिसर्चर्स का कहना है कि 17 साल के भीतर महिलाओं में कैंसर के करीब 23,000 मामले (9 फीसदी) ज्यादा वजन और 25,000 मामले (10 फीसदी) स्मोकिंग की वजह से होंगे। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो 2043 तक महिलाओं में कैंसर का सबसे बड़ा खतरा मोटापे की वजह से पैदा होगा।
महिलाओं की तुलना में मोटापे से ग्रस्त पुरुषों की संख्या ज्यादा है लेकिन फिर भी मोटापे से संबंधित कैंसर का खतरा महिलाओं में ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोटापे से संबंधित कैंसर जैसे- ब्रेस्ट और वुम्ब कैंसर महिलाओं को ज्यादा होते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि ओवरवेट होने से करीब 13 प्रकार के कैंसरों का खतरा बढ़ जाता है जिसमें ब्रेस्ट, आंत, किडनी का कैंसर शामिल है।
कैंसर रिसर्च यूके प्रिवेंशन एक्सपर्ट प्रोफेसर लिंडा बॉल्ड ने कहा, मोटापा आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए अब एक बड़ा खतरा बन चुका है और अगर कुछ नहीं किया गया तो यह स्थिति और भयंकर होने वाली है। सरकार को स्मोकिंग की लत छुड़ाने को लेकर जागरुकता फैलानी चाहिए।लोगों को यह भी बताना चाहिए कि हेल्दी वेट के जरिए वेट रिलेटेड कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. एलिसन टेडस्टोन ने कहा, इस पीढ़ी की नई चुनौती मोटापे से निपटने के लिए कई मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। हमारा शुगर और कैलोरी रिडक्शन प्रोग्राम और सरकार के शुगर लेवी जैसे कदम सराहनीय है लेकिन ये सब लंबे सफर की एक छोटी सी शुरुआत है। नैशनल हेल्थ सर्विस इंग्लैंड के प्रमुख कार्यकारी सिमन स्टीवेन्स ने कहा, मोटापा एक नया धूम्रपान बन गया है, यह हमारी पीढ़ी के लिए सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है।