ओस्लो। डायबिटीज के मरीजों को कैंसर होने की आशंका ज्यादा होती है। इसके अलावा अगर किसी को डायबिटीज है, तो कैंसर होने पर उसके बचने की संभावना भी कम हो जाती है।
स्वीडन के नेशनल डायबिटीज रजिस्टर के रिसर्च करने वालों ने साढ़े चार लाख लोगों पर शोध के बाद ये बात कही है। इन सभी को टाइप-2 डायबिटीज थी। रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को सबसे ज्यादा आंतों का कैंसर होते देखा गया है। पांच फीसदी को स्तन कैंसर का मरीज पाया गया। जबकि, जिन्हें डायबिटीज नहीं थी, उनमें इस तरह के कैंसर के मामले कम देखे गए।
रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज के जिन मरीजों को स्तन और प्रोस्टेट कैंसर होता है, उनमें मौत की आशंका 25 से 29 फीसदी तक होती है। बता दें कि दुनिया में हर 11 में से 1 व्यक्ति को डायबिटीज है। साल 2040 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़कर 64 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। इससे पहले भी हुई रिसर्च में कहा गया था कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को कैंसर होने की आशंका होती है।
पहले हुई तमाम रिसर्च में हालांकि ये पता नहीं चला कि डायबिटीज का कैंसर होने से किस तरह रिश्ता है। इस बारे में ताजा रिसर्च कहती है कि 1998 से 2014 के बीच टाइप-2 डायबिटीज के 4 लाख 57 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत कैंसर की वजह से हुई। इससे पता चला कि डायबिटीज के मरीजों को 12 में से 11 किस्म के कैंसर होते देखे गए। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों में डायबिटीज है, उनमें 231 फीसदी लिवर कैंसर होने की आशंका होती है।
इसके अलावा 119 फीसदी पैंक्रियाज कैंसर, 78 फीसदी गर्भाशय का कैंसर, 56 फीसदी लिंग का कैंसर, 45 फीसदी किडनी का कैंसर, 32 फीसदी पित्ताशय का कैंसर, 21 फीसदी पेट का कैंसर और 20 फीसदी पेशाब की थैली का कैंसर होने की आशंका भी पाई गई। रिसर्च से पता चला कि डायबिटीज के मरीजों को स्वस्थ लोगों के मुकाबले 18 फीसदी कम प्रोस्टेट कैंसर होता है।