नई दिल्ली। मोबाइल रखने वालों के लिए राहत की खबर है। मोदी सरकार ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे फिलहाल सिम कार्ड को आधार से लिंक न करें। बता दें कि बीते दिनों आधार को जरूरी किए जाने पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सरकार से पूछा था कि सिम कार्ड और आधार को लिंक क्यों कराया जा रहा है।
सरकार ने क्या दिए निर्देश
टेलीकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक मोदी सरकार की ओर से सभी टेलीकॉम कंपनियों को सिम और आधार लिंक का काम फिलहाल रोकने को कहा गया है। कंपनियों से कहा गया है कि वे तुरंत कदम उठाएं, ताकि मोबाइल उपभोक्ताओं को दिक्कत न हो।
अब कौन से दस्तावेज दे सकते हैं ?
मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों से कहा गया है कि सिम देने के लिए केवाईसी यानी नो योर कस्टमर के लिए वे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और वोटर आईडी कार्ड ले सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सरकार से पूछा था कि आखिर आधार और सिम कार्ड को लिंक क्यों कराया जा रहा है। इस पर सरकार ने कहा था कि कोर्ट ने ये आदेश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर अचरज जताते हुए कहा था कि ऐसा आदेश तो उसने कभी नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि उसने कहा कुछ था और सरकार ने उसे समझे बिना कदम कुछ और उठा लिया। इसके बाद सरकारी तंत्र के कान खड़े हुए और सिम को आधार से लिंक कराने का आदेश रद्द किया गया।
सुप्रीम कोर्ट कर रहा सुनवाई
बता दें कि आधार को अलग-अलग योजनाओं से जोड़ने के लिए जरूरी करने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। दरअसल, योजनाओं से आधार को जोड़ने के सरकारी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुईं थीं। इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार का आदेश निजता के अधिकार का उल्लंघन है।