- पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के रमेश लाल ने इसे भगवान और धर्म का अपमान बताया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। पिछले दिनों वे अपनी शादियों को लेकर खबरों का हिस्सा बने थे और अब एक बार फिर वे सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। दरअसल, इन दिनों पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वे भगवान शिव के रूप में हैं। इस तस्वीर को लेकर पूरे पाकिस्तान में बवाल खड़ा हो गया है।
संसद में हुआ जमकर हंगामा
इमरान खान की शिव अवतार वाली यह तस्वीर वायरल होने के बाद पाकिस्तान में सियासी तापमान बढ़ गया है। पाकिस्तान की संसद में भी इसे लेकर खूब हंगामा हुआ। राजनीतिक दलों का कहना है कि इस तस्वीर के पीछे नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग का हाथ है। पाकिस्तानी संसद में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के रमेश लाल ने कहा, ‘इस तस्वीर के जरिए सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई है, जो संविधान के खिलाफ है।’
संघीय जांच एजेंसी को सौंपी गई जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी संसद ने इस मामले की जांच संघीय एजेंसी से कराने का आदेश दे दिया है। संसद अध्यक्ष ने जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने को कहा है। 8 अप्रैल को इस तस्वीर को फेसबुक पर पोस्ट किया गया था। बताया जा रहा कि जिस पेज पर इस फोटो को शेयर किया गया, वो पेज नवाज शरीफ को समर्थन करता है।
If we are equal citizen in pakistan so what is this ? This is not in islam that. We want to take action against this. We are Pakistanis but first we are hindu. I requested to @AsimBajwaISPR @MaryamNSharif @ImranKhanPTI to take action ageist this facebook page pic.twitter.com/eQBEMHe3O1
— Kaidar Nath (@NathKAidar) April 11, 2018
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने जताया रोष
इस मामले को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना रोष जताया है। मुसलमानों के अलावा इस तस्वीर का पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू भी जमकर विरोध कर रहे हैं। लोगों ने इसे भगवान और धर्म का अपमान बताया। पीपीपी के रमेश लाल का कहना है कि इमरान खान को भगवान शिव के रूप में पेश करना एक बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने नवाज शरीफ के पार्टी कार्यकर्ताओं को इस तस्वीर के लिए जिम्मेदार बताया है। रमेश लाल ने कहा कि इस तस्वीर से पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की है।