गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में गिरफ्तार आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद घर पहुंच गया. हाल ही में कोर्ट ने उसे जमानत दी है. अशोक कुमार ने रिहाई के बाद कहा, ‘मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है.’आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार ने आजतक को बताया, ‘मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया. बिजली के करंट के झटके दिए गए. पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया. यहां तक की नशा भी दिया जाता था.’ परिजनों ने कहा, ‘हमें शुरू से ही पता था कि वह निर्दोष हैं. उसने कभी अपने बच्चों पर हाथ नहीं उठाया.’
आरोपी बस कंडक्टर के वकीलों ने उसकी जमानत का आदेश जेल प्रशासन को बुधवार की शाम करीब तीन बजे के बाद सौंपा और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कानूनी दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद अशोक को रात करीब आठ बजे रिहा कर दिया गया.’गुरुग्राम के सोहना के पास स्थित अशोक कुमार के गांव घमरोज के प्रमुख लोग सुबह से भोडसी जेल के बाहर मौजूद थे. उन्होंने अशोक के बाहर निकलने के बाद उसका स्वागत किया. अशोक की मां के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे. उसकी पत्नी की तबियत अचानक खराब हो जाने के चलते उसे बुधवार सुबह अस्पताल भी ले जाना पड़ा था.
बीवी ने कहा- मेरे लिए होली-दिवाली है
अशोक की घर वापसी की खुशी पत्नी के मायूस चेहरे पर साफ झलक रही थी. उसने कहा, ‘मुझे पहले से ही पता था वो निर्दोष हैं. उसने कभी अपने बच्चों पर हाथ तक नही उठाया. वो किसी मासूम की हत्या कैसे कर पाएगा. आज मेरे लिए होली और दीवाली का दिन है. मैं ही जानती हूं कैसे ये 76 दिन बीते है. मेरी हर रात रो के गुजरी है.