- आतंकियों के पास से अफगानिस्तान में नाटो फोर्स द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार बरामद
श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने कश्मीर में एक बड़ी कारवाई करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भांजे तल्हा राशिद सहित तीन आतंकियों को मार गिराया है। खास बात ये है कि मारे गए आतंकियों के पास से अफगानिस्तान में नाटो फोर्स की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार बरामद किए गए हैं। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के मुताबिक, आतंकियों के पास से बरामद नाटो के हथियार दिखाते हैं कि कश्मीर में आतंकवाद को सीमा पार से मदद मिल रही है।
सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर के त्राल में अपना हेडक्वार्टर बनाया है। पिछले छह महीने में जैश के करीब 15-20 विदेशी आतंकी (यानी पाकिस्तानी नागरिक) एलओसी पार कर कश्मीर में दाखिल हुए हैं। ये किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते हैं। मसूद अजहर का भांजा तल्हा राशिद भी करीब छह महीने से कश्मीर में मौजूद था। उसका मारा जाना सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है। गौरतलब है कि मसूद अजहर पाकिस्तान से ही कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद को ऑपरेट करता है।
सेना मुख्यालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों के पास से जो एम-4 नाटो गन मिली है वो अफगानिस्तान से लाई गई है। ये गन तालिबान ने नाटो फोर्सेज़ से छीनी होगी या फिर किसी ऑपरेशन के दौरान तालिबान के हाथ लग गई होगी। इससे पता चलता है कि जैश-ए-मोहम्मद को तालिबान से मदद मिल रही है। पिछले 25-26 सालों में ये दूसरी बार है कि इस तरह की नाटो गन कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के पास से मिली है। इससे पहले 90 के दशक में भी एक बार ऐसी गन कश्मीरी आतंकियों के पास से जब्त की गई थी। सुरक्षाबलों को जैश के आतंकियों की कईं ऐसी तस्वीरें मिली हैं जिसमें आतंकी नाटो और पाकिस्तानी सेना के हथियार लिए हुए हैं।
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